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पड़ोसी की बीवी वाले भद्दे कमेंट के लिए दिनेश कार्तिक घेरे गए, माफी मांगनी पड़ी

Dinesh Karthik ने इंग्लैंड और श्रीलंका के वनडे मैच के दौरान ये टिप्पणी की थी. फोटो- Instagram

दिनेश कार्तिक. भारतीय क्रिकेटर हैं. इन दिनों इंग्लैंड में हैं. हाल ही में इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच वन डे सीरीज़ हुई, इसमें दिनेश कार्तिक ने बतौर कमेंटेटर हिस्सा लिया. सीरीज़ का दूसरा मैच 1 जुलाई को खेला गया, इंग्लैंड के ओवल ग्राउंड में. इस मैच के दौरान दिनेश कार्तिक ने एक सेक्सिस्ट बात कही. कमेंटरी के दौरान दिनेश ने कहा,

‘ज्यादातर बैटर अपनी खुद की बैट को पसंद नहीं करते. उन्हें दूसरे की बैट अच्छी लगती है. बैट पड़ोसी की बीवी की तरह हैं, जो हमेशा अच्छे लगते हैं.’

अगले ODI मैच में, यानी 4 जुलाई को दिनेस कार्तिक ने कमेंटरी के दौरान ही, अपने कमेंट के लिए माफी मांगी. उन्होंने कहा,

“पिछले गेम में जो हुआ उसके लिए मैं माफी मांगता हूं. मेरे कहने वो मतलब नहीं था. पर मैंने गलत बात कह दी. मैं सभी से माफी मांगता हूं. ऐसे बोलना बिल्कुल भी सही नहीं है. मुझे मेरी मां और बीवी से बहुत मार पड़ी इसके लिए. मैं माफी चाहता हूं, ऐसा दोबारा नहीं होगा.”

कितनी कैजुअली ऐसी बात कह देते हैं लोग

दिनेश कार्तिक ने गलत बात कही और उस पर उन्होंने माफी भी मांग ली. हालांकि, कई लोगों ऐसे भी थे जिन्हें दिनेश कार्तिक की बात में कुछ भी गलत नहीं दिखा. एक शख्स ने लिखा, ‘यहां हर बात को बेवजह बढ़ा देते हैं लोग,’ एक और यूज़र ने लिखा, ‘उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बोला. कई लोगों की ऐसी ही फीलिंग होती है सच में. उन्होंने ये नहीं कहा कि सभी ऐसे होते हैं.’

ट्विटर पर कई लोगों ने दिनेश कार्तिक के कमेंट्स का बचाव किया है.

इस तरह की बात हम अक्सर सुनते हैं. कई तो टीवी सीरियल ही इसी कॉन्सेप्ट पर बने हुए हैं जिनमें पुरुष हर वक्त अपने पड़ोस में रहने वाली महिलाओं को रिझाने की कोशिश में जुटे दिखते हैं. लोग बड़ा रस लेकर इन शोज़ को सालों से देखते आ रहे हैं. किसी को इस बात में कुछ गलत नज़र नहीं आता. पर अगर रोल बदल दिया जाए, स्त्री अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष को रिझाने की कोशिश करती दिखे तो वो वैम्प हो जाती है. उसके संस्कारों पर सवाल उठते हैं. उसकी संगत से बच्चों को बचाने को कहा जाता है. ऐसी स्त्रियों की तुलना वैश्या से की जाती है. इस बारे में मेरी साथी प्रतीक्षा ने काफी डिटेल में लिखा था

दरअसल दिनेश कार्तिक ने जो बात कही वो उसी सोच से प्रेरित है जो भाभियों और पड़ोस की महिलाओं को ऑब्जेक्ट ऑफ डिज़ायर समझता है. ये सोच कुछ ऐसे काम करती है कि पुरुष एक स्त्री को पाने की इच्छा करता है. उसे पाने के लिए सबकुछ करता है. और जब वो उसे मिल जाती है तो उसकी वैल्यू कम हो जाती है. उसके बाद वो एक दूसरी स्त्री की चाह करता है. और इस तरह ये साइकल चलता जाता है. क्या अपने पड़ोसी या किसी और रिश्तेदार की लालसा रखने वाली या उनके बारे में बात करने वाली किसी शादीशुदा स्त्री से आप कहेंगे कि उसकी बात में कोई बुराई नहीं है?





 

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