Apnahak News :- अफगानिस्तान इस समय ऐतिहासिक घटनाओं और लम्हो का गढ़ बना हुआ है. देश छोड़कर जा रहे लोगों की तस्वीरें अफगानिस्तान की त्रासदी की गवाह बन रही हैं. उनके चेहरों पर तालिबान का डर और घर छोड़ने का गम है तो जान बच जाने की राहत भी है. इस सबके बीच ऐसी तस्वीरें भी आ रही हैं, जो आगे चलकर अफगानिस्तान संकट को दूसरे तरीकों से भी याद करने की वजह बनेंगी. ऐसी ही एक ऐतिहासिक तस्वीर सोमवार 23 अगस्त को सामने आई.
ये तस्वीर है भारत आए अफगान सिखों की, जिन्होंने अफगानिस्तान में अपना सबकुछ छोड़ दिया, लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा. इन सिखों ने अफगानिस्तान के अलग-अलग गुरुद्वारों से गुरु ग्रंथ साहिब को लिया और अपने साथ भारत ले आए. अफगानिस्तान छोड़ने से पहले काबुल एयरपोर्ट पर किसी ने इन तीन सिखों की तस्वीर ले ली. उस समय उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर रखा हुआ था. ये देख सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब उमड़ आया.
ये तस्वीर है भारत आए अफगान सिखों की, जिन्होंने अफगानिस्तान में अपना सबकुछ छोड़ दिया, लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा. इन सिखों ने अफगानिस्तान के अलग-अलग गुरुद्वारों से गुरु ग्रंथ साहिब को लिया और अपने साथ भारत ले आए. अफगानिस्तान छोड़ने से पहले काबुल एयरपोर्ट पर किसी ने इन तीन सिखों की तस्वीर ले ली. उस समय उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर रखा हुआ था. ये देख सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब उमड़ आया.
सोमवार 23 अगस्त को भारत ने तीन फ्लाइट्स के जरिए 146 लोगों को अफगानिस्तान से रेस्क्यू किया. इन लोगों में ये सिख भी शामिल हैं, जो वहां फंसे हुए थे. जिस प्लेन से इन्हें भारत लाया गया, उसमें 46 लोग सवार हुए थे. इनमें अधिकतर हिंदू और सिख थे.
बता दें कि काबुल स्थित सिख गुरुद्वारों में अब सन्नाटा है. इससे पहले तालिबान के लोगों ने सिख गुरुद्वारा कमेटी के लोगों से मुलाकात कर सुरक्षा का आश्वासन दिया था. लेकिन इस आश्वासन पर सिख समुदाय को भरोसा नहीं था. यही वजह है कि भारत आने वाले अफगान सिखों की संख्या बढ़ रही है. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इन्हीं आशंकाओं के चलते नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA लाया गया था.
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