दो दिन पहले यानी 30 अगस्त को सीएम योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद पहुंचे थे. तब उन्होंने फिरोजबाद के मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था. जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. और इस सब के बाद उन्होंने कहा था कि जिस संदिग्ध डेंगू बुखार की वजह से 40 मरीजों की मौत हो चुकी है, उसके बारे में जल्दी पूरी जानकारी जुटाई जाएगी. सबको इलाज मिलेगा और अगर कहीं, किसी स्तर पर कोई लापरवाही दिखी तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
बुधवार 1 सितंबर को इस बारे में सीएम दफ्तर से एक आदेश भी आया है, जिसके बारे में आगे बात करेंगे. फिलहाल ये जानिए कि जिस अस्पताल का सीएम ने दौरा किया था वहां पिछले 12 घंटों में 7 और बच्चों की मौत हो चुकी है. और तो और जिस बीमार बच्ची से मिलकर सीएम ने हालचाल लिया था, उसकी भी मौत हो गई है.
मृतक लड़की के पिता राम कुमार ने बताया कि सीएम मिले थे तो बेहतर इलाज और देखभाल का भरोसा दिलाया था. लगा था कि बच्ची ठीक हो जाएगी, लेकिन एक दिन बाद ही तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. खुद, देखिए वो क्या कह रहे हैं-
फिलहाल इस अस्पताल में 185 बच्चे भर्ती हैं. लगभग सभी बच्चों को पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक डॉक्टर्स नहीं समझ पाए हैं कि ऐसा हो क्यों रहा है.
चलिए रहस्यमय बीमारी है. उसके बारे में नहीं पता चल पा रहा है. कोई बात नहीं. लेकिन अगर इतने बड़े अस्पताल में कोई इंजेक्शन लगाने वाला न हो, या जो हो उसे ये काम ठीक से आता ही न हो तो आप क्या कहेंगे?
सुनील कुमार की बेटी और बेटा दोनों बीमार हैं. बेटी की मौत हो गई और बेटा अभी भी अस्पताल में है. सुनील का कहना है कि उनकी बेटी के प्लेटलेट्स बहुत तेजी से कम हुए. उन्होंने जैसे-तैसे खून का इंतजाम भी कर लिया, लेकिन उस वक्त खून चढ़ाने वाला कोई नहीं था और इसी वजह से बच्ची की मौत हो गई. खुद सुनिए वो क्या कह रहे हैं-
“छह दिन पहले मेरी बेटी और बेटे की तबीयत खराब हो गई थी. हमने उन्हें यहां भर्ती किया था. पहले दिन बेटी की प्लेटलेट्स 39 हजार थीं और बेटे की थीं 59 हजार. दूसरे दिन तक रिपोर्ट का इंतजार किया तो बेटी की प्लेटलेट्स 18 हजार तक गिर गईं और बेटे की 37 हजार निकलीं. मैं सुबह से शाम तक भागता रहा, लेकिन किसी स्टाफ के पास ये तक नहीं कि हाथों में नीडल लगा लेते. मैं किसी से शिकायत नहीं कर रहा. लेकिन मेरी 8 साल की बेटी चली गई. उसे मैं कभी नहीं पा पाऊंगा. किसी के साथ ऐसा ना हो. कोई एक आदमी तो ऐसा होना चाहिए जो नीडल लगा सके.”
और सबसे ज्यादा ताज्जुब की बात ये है कि ये कहानी मेडिकल कॉलेज की है. किसी आम सरकारी अस्पताल की नहीं.
आपको बताएं कि जिला अस्पताल के हालात तो और भी खराब हैं. यहां हर घंटे 8 से 10 बीमार बच्चे भर्ती कराए जा रहे हैं. लिहाजा अस्पताल में बेड की कमी होने लगी है. कुल मिलाकर जिले की हालत ठीक नहीं है और इसी वजह से आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीता कुलश्रेष्ठ को हटाने का आदेश दिया. अपने आदेश में सीएम ने आगे कहा है कि 11 विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम को फिरोजाबाद भेजा जाएगा. शहरी एवं ग्रामीण निकायों को क्षेत्र में साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा. मेडिकल कॉलेज में विशेष डॉक्टर्स की टीम भेजी जाएगी और बीमार बच्चों को मुफ्त इलाज मिलेगा.
खैर आदेश हैं. देखिए कब तक पहुंचते हैं.
आपको ये बताते चलें कि मेरठ, फिरोजाबाद, आगरा, मैनपुरी, मथुरा, एटा और कासगंज में भी लगातार मरीज सामने आ रहे हैं. मथुरा का ही एक गांव है. नाम है, कोह. पिछले एक सप्ताह में इस गांव में दस लोगों की मौत बुखार लगने के बाद हो चुकी है. लिहाजा मेडिकल टीम ने प्रभावित गांव से सैंपल जुटाए और जांच की. जांच के बाद पता चला कि 2 से 45 वर्ष की आयु के 29 से अधिक लोग स्क्रब टाइफस नामक बीमारी से पीड़ित हैं. जानकारों की माने तो स्क्रब टाइफस एक तरह का कीड़ा है. ये बहुत पुरानी लकड़ी में पनपता है. जू और खटमल की तरह होता है. इसके काट लेने से बुखार का आना शुरू हो जाता है. फिलहाल स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है.
खैर अभी ये साफ नहीं हो सका है कि जिस बीमारी से मथुरा में लोग प्रभावित हैं उसी बीमारी ने फिरोजाबाद में कहर बरपा रखा है या नहीं.
अब बात राज्य की राजधानी लखनऊ की कर लेते हैं जहां इस तरह की बीमारी से कई लोगों के बीमार होने और अस्पताल पहुंचने की खबर है. हिन्दी अखबार हिंदुस्तान की एक खबर के मुताबिक, करीब 400 लोग वायरल फीवर की वजह से अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ये सारे मरीज मौसमी वायरल के हैं, लेकिन एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों के अस्पतालों दाखिल होने से अफरातफरी जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
वैसे केवल अस्पतालों में अफरा-तफरी नहीं मची हुई है. मौत की संख्या, बीमारों की संख्या और बीमारी के बारे में जानकारी को लेकर भी एक अजीब माहौल बना हुआ है, पूरे प्रदेश में. लोगों में इसको लेकर आशंकाएं भी बढ़ती जा रही हैं. लिहाजा हमने सरकार से पूरे मसले पर जवाब मांगा. हमने सरकार से पूछा कि वो साफ-साफ बताए कि फिरोजाबाद में कितनी मौतें हुई हैं? मथुरा की क्या स्थिति है और लखनऊ को लेकर क्या जानकारी है? इस सवाल के जवाब में यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि सरकारी एंजेंसियां काम कर रही हैं. जैसे ही सरकार को पूरी जानकारी मिलेगी वैसे ही प्रेस को बताया जाएगा-
“फिरोजाबाद में रहस्यमय बुखार की वजह से कुछ मौतें हुई हैं. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बहुत संजीदा है. सीएम ने खुद फिरोजाबाद का दौरा किया. इस समय चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमें वहां अलग-अलग ढंग से काम कर रही हैं. मरीजों में कई अलग-अलग प्रकार के लक्षण हैं. बच्चों की मौत की असल वजह क्या है और मृतकों के असल आंकड़ें क्या हैं. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स अलग-अलग बातें कह रही हैं. सारी बातों को कनक्लूड करने की जिम्मेदारी सरकार की है.
सीएमओ की लापरवाही प्राथमिक रूप से पाई गई है. इसलिए उन्हें हटाया गया है. सरकार सारा डेटा कलेक्ट करने के बाद आधिकारिक रूप से सारी जानकारी जारी करेगी. मीडिया से निवेदन है कि पैनिक क्रिएट ना करें. ये वायरल सीजन है. ऐसे में बुखार फैलने की संभावना रहती है. किसी खबर से लोगों में पैनिक क्रिएन ना करें. यूपी सरकार संवेदनशील है. वो बेहतर सुविधाओं के लिए लगातार प्रयास कर रही है.”
कुल मिलाकर यही समझ आ रहा है कि इस बीमारी के बारे में अभी सरकार को ही सही-सही जानकारी नहीं है. ऐसे में और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. बीमारी को लेकर भी और बीमारी के बारे में मिल रही जानकारियों को लेकर भी.
Source
The lallantop
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