Apnahak News :- फ़रीदाबाद ज़िले की राजनीति अब धीरे धीरे सिंगला परिवार के पास पहुँच चुकी है, पूरे ज़िले की राजनीति हम इसलिए कह रहे है क्यूँकि देश व प्रदेश के दोनों बड़े दल भाजपा व कांग्रेस के अहम पद एक ही परिवार की झोली में आ गिरे है। अब एक ही परिवार में दो दो जिलाध्यक्ष हो गए है और यह ज़िले के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए है।
आज से लगभग एक साल पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी युवा नेता पंकज सिंगला के कंधो पर सौंपी गयी थी और आज उनके ही छोटे भाई (चाचा के बेटे) नितिन सिंगला फरीदाबाद यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष (शहरी) चुने गए है।
नितिन सिंगला के युवा कांग्रेस का जिलाध्यक्ष चुने जाने के बाद दोनों परिवारों से नज़दीकियाँ रखने वाले लोगों में ख़ासा उत्साह देखने को मिल रहा है क्यूँकि अब दोनों ही पार्टियों में उनके चहेते अहम पदों पर विराजमान हो गए है, पंकज सिंगला के बाद अब नितिन सिंगला भी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बन चुके है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही भाई एक दूसरे के विरोधी बन खड़े हुए है। हालाँकि यह विरोध नया नहीं है, यह विरोध बीते विधानसभा चुनावों में तब जगज़ाहिर हो गया था जब कांग्रेस से टिकट पाने वाले लखन सिंगला के भतीजे पंकज सिंगला व कर्ण सिंगला ने अपने चाचा का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था व कांग्रेस प्रत्याशी व अपने चाचा लखन सिंगला की करारी हार का प्रमुख कारण बने थे।
नितिन सिंगला के बाद अगर अब बड़े भाई पंकज सिंगला की बात करें तो वह आजकल भाजपा के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं और अपनी टीम के साथ हर मोर्चे पर डटे रहते हैं, अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा में उनका भविष्य क्या होगा। हालाँकि भाजपा में उनकी तरक्की काफी तेज रफ़्तार से हुई है।
अब नितिन सिंगला के कन्धों पर कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी है वहीं पंकज सिंगला के कन्धों पर भाजपा को मजबूत बनाये रखने की जिम्मेदारी है, आगे देखा जाएगा कि ये दोनों नेता अपनी जिम्मेदारी किस तरह से निभाएंगे।
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