कल रात 3:15 पर जब मैं अपने परिवार के साथ जिसमें मेरी माता जी, मेरी धर्मपत्नी और मेरा बच्चा हरिद्वार से अपने घर फरीदाबाद आ रहे थे तब टैक्सी वाले ने दिल्ली के प्रगति मैदान के पास IP Estate सी०एन०जी० निकट आई०टी०ओ० मेट्रो स्टेशन पर सीएनजी डलवाने के लिए गाड़ी लगाई तब वहां पर मौजूद एक ट्रक जो पहले से लोडेड था सी०एन०जी० डलवा रहा था! जब हमारी टैक्सी में सी०एन०जी० भरी जा रही थी तब वह ट्रक गाड़ी को टक्कर मारते हुए आगे की और बढ़ने लगा! जब उस ट्रक ड्राइवर को रोक कर उसका हर्जाना देने या जो गाड़ी को नुकसान पहुंचाया था को ठीक करवाने के लिए कहा गया तो उसके मना करने पर हमारे द्वारा दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल किया गया!
लगभग 10 मिनट बाद वहां पर एक पुलिस की गाड़ी पहुंची, जिसके बाद उसमें बैठे पुलिसकर्मी ने सबसे पहले मेरा नाम, पता, फोन नंबर, इत्यादि लिखा! उसके बाद उसने आसपास से पूछताछ करनी शुरू की! जब हमने उस पुलिसकर्मी को जिसकी वर्दी पर अमित शर्मा कॉन्स्टेबल का बैच लगा हुआ था कहा कि आप वहां लगे सी०सी०टी०वी० द्वारा जांच कर सकते हैं तब उसने कहा कि हमें पता है कि हमें कैसे काम करना है, आप हमें ना सिखाओ, आप जैसे रोज़ मिलते हैं हमें जो नुकसान की भरपाई की आड़ में लोगों से पैसे ऐंठते हैं! तब मेरी धर्मपत्नी ने उसे टोका कि आप ऐसे कैसे बोल सकते हैं तो वह पुलिसकर्मी मेरी धर्मपत्नी से बदतमीजी से बोलते हुए कि मैडम आप तो चुप ही रहिए आपका कोई मतलब नहीं है! इसके बाद वह हमें बोला कि हम दोनों की गाड़ी पुलिस स्टेशन लेकर जाएंगे जिसमें आप दोनों को अर्थात उस टैक्सी ड्राइवर को और मुझे दोनों को पूरी रात पुलिस स्टेशन रहना पड़ेगा और हमारी फैमिली जिसमें मेरी माता जी, मेरे छोटा बच्चे और मेरी धर्मपत्नी को छोड़ दिया जाएगा और वे अपने आप घर जा सकते हैं तथा हम दोनों को और उस ट्रक ड्राइवर को तब तक बिठाया जाएगा जब तक ट्रक का मालिक ना आ जाए! मैं दिल्ली पुलिस से यह पूछना चाहता हूं कि हमारी क्या गलती थी? सी०एन०जी० डलवाते हुए खड़ी गाड़ी में उस ट्रक ड्राइवर ने टक्कर मारी और रात 3:15 बजे मेरा परिवार दिल्ली से फरीदाबाद अपने घर कैसे आता? जब मैंने उस पुलिसकर्मी से उसका बेल्ट नंबर इत्यादि पूछा तब उसने बताने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि मेरी वर्दी पर मेरे नाम का बैच है यही देख ले बाकी नहीं बताता, जो करना है कर ले! यह तो उस दिल्ली पुलिस का रवैया है जिसके सिर पर देश की राजधानी का ज़िम्मा है! बाद में जब मैने पुलिस की गाड़ी के नंबर की फोटो ली ताकी अपनी शिकायत के साथ संलग्न कर सकूं!
0 Comments